हमसफ़र यादों का.......Humsafar Yaadon Ka

गुरुवार, 10 दिसंबर 2009

आज़माइए बर्थडे विश करने का ब्रैंड न्यू, धाँसू मगर जानलेवा तरीका

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हमारे एक सर हैं, विक्रम सर जो हमारे साथ काम नहीं करते बल्कि ये तो सिर्फ़ और सिर्फ़ हमारी ख़ुशकिस्मती है जो हमें उनके साथ काम करने का मौका म...
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सोमवार, 7 दिसंबर 2009

कविता : ऐ हवा कभी तो मेरे दर से गुज़र

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कभी समंदर किनारे नर्म, ठंडी रेत पर बैठे हुए डूबते हुए सूरज को निहारना ....... और फ़िर यूँ लगे कि मन भी उसी के साथ हो लिया हो। इस दुनिया की उ...
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मंगलवार, 1 दिसंबर 2009

ज़िन्दगी एक आलू का परांठा है

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अरे रे....... ये क्या, शीर्षक पढ़कर चौंकिए मत। ज़िन्दगी सिर्फ़ एक आलू का परांठा नहीं है, आलू चाहे जितने मर्ज़ी हों पर ज़िन्दगी एक परांठा है, ...
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रविवार, 22 नवंबर 2009

ग़म का फ़साना मेरा ही है

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आपको गौरव याद है ना, क्या कहा आपके भाई का नाम है, दोस्त है आपका, आपकी सहेली के हसबैंड हैं....... जी नहीं बिल्कुल ग़लत, गौरव इनमें से कोई नहीं...
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बुधवार, 18 नवंबर 2009

मुझे नींद न आए से लेकर स्वाइन फ्लू तक

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आजकल हमने न जाने ये कौन सा शौक़ पाल रखा है.......देर रात तक जागने का। पता नहीं कमबखत मारी ये नींद रात होते ही किस पाताल में जाकर छिप जाती है...
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