भाई साहब की फ़रमाइश पर वीर रस की कविता
गुरुवार, 12 नवंबर 2009काफ़ी दिनों की मसरूफ़ियत के बाद आज आपसे रू-ब-रू होने का मौका मिला है....... बीच में काफ़ी कुछ निकल गया, पूरा अक्टूबर बिना कोई पोस्ट लिखे ही बीत गया। इसी बीच हमारे एक भाई साहब ने कहा लिखते-विखते हो, तो एक कविता वीर रस की भी लिख डालो। अब इस पर हमने तो साफ़-साफ़ कह दिया कि भैया जी हम तो बस मन के मारे लिखते हैं, काव्य-कर्म की कोई ख़ास समझ नहीं है...... इसलिए बस एक कोशिश ही कर सकते हैं।
खींच कर आकाश धरती पर झुका दो साथियों,
चीर सीना पर्वतों का गंगा बहा दो साथियों;
कांप उठे दश दिशायें एक ही हुंकार से,
भींच कर प्राणों को रणसिंघा बजा दो साथियों।
चल पड़ो तो कोई अड़चन राह में आए नहीं,
अड़चनों को राह से हटना सिखा दो साथियों;
कामयाबी ख़ुद-ब-ख़ुद चूमे क़दम ऐ दोस्तों,
मंज़िलों को यार अपना तुम बना दो साथियों।
मैदान में गर डट पडो, रण छोड़ बैरी भाग लें,
तुम अडिग हो ये हिमालय को दिखा दो साथियों;
डरना नहीं फितरत तुम्हारी और ना ही कांपना,
डर को भी अपने नाम से डरना सिखा दो साथियों।
मानकर श्रम-स्वेद को ही अपने मस्तक का मुकुट,
मिट्टी में डालो हाथ तो सोना उगा दो साथियों;
न रहने अब पाये कोई धरा बंजर कभी,
पत्थरों के भी हृदय में सुमन खिला दो साथियों।
भेद-भाव को दूर भगाकर समरसता फैलानी है,
भाव ये जन-जन के मन में तुम जगा दो साथियों;
तोड़ कर इस जाति, भाषा, धर्म की ज़ंजीर को,
मानवता को धर्म अपना तुम बना दो साथियों।
46 टिप्पणियाँ
- दिगम्बर नासवा ने कहा…
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BAHOOT HI OZASWI ...... TEZPOORN KAVITA ... AAJ AISI RACHNAON KI JAROORAT HAI SAMAAJ MEIN ...
- 12 नव॰ 2009, 12:57:00 pm
- पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…
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Ati Sundar !
- 12 नव॰ 2009, 1:35:00 pm
- Desk Of Kunwar Aayesnteen @ Spirtuality ने कहा…
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बेहतरीन प्रस्तुति है वीर रस कि .....बधाई हो ....
- 12 नव॰ 2009, 6:32:00 pm
- राज भाटिय़ा ने कहा…
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बहुत सुंदर वीर रख से भरी आप की यह रचना है.
धन्यवाद - 12 नव॰ 2009, 8:38:00 pm
- Peeyush ने कहा…
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क्या बात है..बहुत सुंदर.
- 14 नव॰ 2009, 1:20:00 am
- Chandan Kumar Jha ने कहा…
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बहुत सुन्दर व ओजपूर्ण रचना ।
- 15 नव॰ 2009, 8:10:00 pm
- Rahul ने कहा…
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Bahut achha, bajuwe fadakne lagi hai.
- 18 जन॰ 2010, 6:32:00 pm
- बेनामी ने कहा…
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bahuuut hi bakvaaas hai yeh kavita . meine isese zyada khrab kavita aaj tak nahi dekhi na suni hai.
- 24 जून 2010, 7:59:00 pm
- बेनामी ने कहा…
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heyyyyy kavita likhna bachoooon ki baat nahi .aage se kavita mat likhna////////////////////..........
- 24 जून 2010, 8:21:00 pm
- बेनामी ने कहा…
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good work
- 26 जुल॰ 2010, 8:53:00 pm
- बेनामी ने कहा…
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bhaiya ki jai ho gajab ka romanch hai apki kavita men wah wah
Niraj Upadhyay - 4 मई 2011, 9:44:00 am
- बेनामी ने कहा…
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this is ossom...i am preparing for IES and normally read such kavitas.. this is really inspiring...
god bless - 25 मई 2011, 2:10:00 pm
- gupta ने कहा…
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bahut sunder
- 25 अग॰ 2011, 12:44:00 pm
- खरी खोटी (khari Khoti) ने कहा…
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dil jeet liya aapne...facebook par khari khoti page join kijiye....
- 6 दिस॰ 2011, 4:24:00 am
- arnab ने कहा…
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bakwas kavita
- 9 जन॰ 2012, 4:34:00 pm
- arnab ने कहा…
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bakwas kavita
- 9 जन॰ 2012, 4:35:00 pm
- arnab ने कहा…
-
bakwas kavita
- 9 जन॰ 2012, 4:35:00 pm
- comments ने कहा…
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soye hue ko jgane ki kosis hai ye kavita.
- 30 जन॰ 2012, 12:14:00 pm
- jyoti rai ने कहा…
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manwta ka drpan in pristhitiyo me khud ko phchaniye
- 30 जन॰ 2012, 12:16:00 pm
- jyoti rai ने कहा…
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mnjil unhi ko milti hai jinke spno me jaan hoti hai,
pankh se kuchh nhi hota hausle se udaan hoti hai. - 30 जन॰ 2012, 12:20:00 pm
- बेनामी ने कहा…
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kuch khaas nahi hai. aapne koshish to bahut ki vo dikhai de raha hai lekin mazaa bilkul nahi aai.
- 31 मई 2012, 7:51:00 pm
- Unknown ने कहा…
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Jai Ho
- 5 जून 2012, 9:17:00 am
- बेनामी ने कहा…
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this is wonderful amazing and inspiring poem.i appreciate the spirit of the poet.this gives us a lesson that success greets those who are fearless and spirit lful
- 10 अग॰ 2012, 1:57:00 pm
- बेनामी ने कहा…
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bakwass hai koi mat padhna.... :(
- 30 अग॰ 2012, 7:40:00 pm
- बेनामी ने कहा…
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wah kya bat hai sun kar dhany ho gai ham
- 19 दिस॰ 2012, 6:24:00 pm
- बेनामी ने कहा…
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Bahut aachi kavita hai Salam ho aapko sahab
):):):)):):):)::):)):):):):):):):):)):0:):):):):):):):):):):):):):):):):):)):):):):):):):)):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):)::):):):):):):)::):):):):):):)):):):):):):):):):):):):):0:):):):):)):):):)::):)):):):):):):):):)):0:):):):):):):):):):):):):):):):):):)):):):):):):):)):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):)::):):):):):):)::):):):):):):)):):):):):):):):):):):):):0:):):):):)):):):)::):)):):):):):):):):)):0:):):):):):):):):):):):):):):):):):)):):):):):):):)):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):)::):):):):):):)::):):):):):):)):):):):):):):):):):):):):0:):):):):)):):):)::):)):):):):):):):):)):0:):):):):):):):):):):):):):):):):):)):):):):):):):)):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):)::):):):):):):)::):):):):):):)):):):):):):):):):):):):):0:):):):):)):):):)::):)):):):):):):):):)):0:):):):):):):):):):):):):):):):):):)):):):):):):):)):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):)::):):):):):):)::):):):):):):)):):):):):):):):):):):):):0:):):):):)):):):)::):)):):):):):):):):)):0:):):):):):):):):):):):):):):):):):)):):):):):):):)):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):)::):):):):):):)::):):):):):):)):):):):):):):):):):):):):0:):):):):)):):):)::):)):):):):):):):):)):0:):):):):):):):):):):):):):):):):):)):):):):):):):)):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):):)):):):):):):):):):):)):):):):):)v - 12 जन॰ 2013, 10:45:00 am
- Vikash Pal ने कहा…
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bahut hi achchi kavita hai..thanks...
- 13 जन॰ 2013, 3:40:00 pm
- sudhir kamal sethi ने कहा…
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log toan kahenge unka kam hai kahena par tum apni rah par u hi chalte rehna or poem likhte rehna koi dost bane ya na tum sabke gale ka gehna bante rehna........... Salam hai us kavi ki kavita ko
- 9 फ़र॰ 2013, 12:55:00 am
- Unknown ने कहा…
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bharat ka tiranga hai
laharata hi rahega ,
pak tere napak erade ko jalata hi rahega
mera sie sir kalam kar do phir bhi
bharat ka sainik vande matram gungunata hi rahega - 15 फ़र॰ 2013, 4:01:00 pm
- anshu ने कहा…
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bahut khub sir maja aa gya..
aise hi likhte rhiye
dil khush ho gya pdh ke - 19 मार्च 2013, 3:46:00 pm
- बेनामी ने कहा…
-
Thanks for finally talking about > "भाई साहब की फ़रमाइश पर वीर रस की कविता"
< Loved it!
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digitalsocialite.org - 3 जून 2013, 12:36:00 pm
- बेनामी ने कहा…
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When I initially commented I clicked the "Notify me when new comments are added" checkbox and
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with the same comment. Is there any way you can remove me
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- Unknown ने कहा…
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yaar baaaahuuuuutttttttttttttttttt accchi h
- 7 जून 2013, 1:58:00 pm
- बेनामी ने कहा…
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sabha me jwar ladegi ye kavita
- 24 जून 2013, 3:51:00 pm
- rajdhariwal ने कहा…
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Appreciate it, manzil mill hi jaye gi der saver hi sahi. Batke tho woh hai jo ghar se nikle hi nahi. Aap ki koshish ko salaam
- 10 जुल॰ 2013, 12:10:00 am
- बेनामी ने कहा…
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wow
- 3 अग॰ 2013, 10:18:00 pm
- बेनामी ने कहा…
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Avrage kavita hai
- 11 दिस॰ 2013, 9:15:00 pm
- बेनामी ने कहा…
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Bhot hi achi kavita hai
- 25 मई 2014, 8:20:00 pm
- vinod singh ने कहा…
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bhut hi kub
- 8 जून 2014, 3:35:00 pm
- बेनामी ने कहा…
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आपकी टिप्पणियाँ एवं विचार मेरी सोच को एक नया आयाम, एक नयी दिशा प्रदान करती हैं; इसलिए कृपया अपनी टिप्पणियाँ ज़रूर दें और मुझे अपने बहुमूल्य विचारों से अवगत होने का मौका दें. टिप्पणियाँ समीक्षात्मक हों तो और भी बेहतर.......
टिप्पणी प्रकाशन में कोई परेशानी है तो यहां क्लिक करें....... - 26 मार्च 2015, 3:08:00 pm
- jaat ने कहा…
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बेहतरीन प्रस्तुति है वीर रस कि .....बधाई हो ....
- 17 जून 2015, 1:23:00 am
- Top 10 Kurtas ने कहा…
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- 4 दिस॰ 2016, 7:09:00 pm
- neeraj kumar ने कहा…
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- 9 दिस॰ 2016, 2:13:00 pm
- Unknown ने कहा…
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